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छत्तीसगढ़ में ये पांच नेताओं ने डुबो दी नाव, कद बड़े और रिजल्ट छोटे, पढ़िएं क्या है हकीकत


रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हो गए। 10 सालों बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में दो सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार एक सीट पर सिमट गई है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा था उसके बाद भी पार्टी को जीत नहीं मिली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद कुछ नेताओं के सियासी भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

भूपेश बघेल
भूपेश बघेल राज्य में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं। भूपेश बघेल राज्य के पूर्व सीएम थे। कांग्रेस ने इस बार उन्हें राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। भूपेश बघेल फिलहाल पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी की और अब लोकसभा चुनाव में हार के बाद उनके सियासी भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। संगठन में उनका कद बढ़ेगा या घटेगा इसे लेकर कांग्रेस को फैसला करना है।

ताम्रध्वज साहू
राज्य में ओबीसी चेहरे ताम्रध्वज साहू को कांग्रेस ने महासमुंद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन अब उनकी हार हुई है। इससे पहले वह दुर्ग ग्रामीण से विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं। ताम्रध्वज साहू ने महासुमंद लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर दी लेकिन पार्टी को जीत नहीं दिला सके। कांग्रेस ने यहां ओबीसी फैक्टर के चलते उन्हें टिकट दिया था।

दीपक बैज
दीपक बैज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। इस बार लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था हालांकि पार्टी ने बस्तर लोकसभा सीट से उनका टिकट काट कर कवासी लखमा को मैदान में उतारा था। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हार की जिम्मेदारी दीपक बैज के सिर पर होगी। हालांकि वह पार्टी के युवा नेता हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कवासी लखमा
अपने देसी अंदाज और बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले कवासी लखमा भी बस्तर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। लखमा की गिनती राज्य के कद्दावर नेताओं में होती है। लखमा भूपेश बघेल की कैबिनेट में मंत्री भी थे। विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के टिकट पर वह कोंटा विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे।

 

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