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बस्तर संभाग के इस जिले में 461वें दिन आंदोलन जारी, आंदोलनकारी रात में भी डटे रहते है आंदोलन स्थल में, प्रशासन मौन


नारायणपुर। बस्तर के जिला नारायणपुर के आश्रित गांव मढ़ोनार में 12 जनवरी 2023 से आंदोलन शुरू हुआ 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार मढ़ोनार जन आंदोलन अभी भी जारी है तोयामेटा में जिला नारायणपुर तहसील छोटेडोंगर थाना छोटेडोंगर अन्तर्गत मढ़ोनार एवं होड़नार बीच सड़क पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए 461वें दिन पुरी हो चुकी है आदिवासी जनता एवं एससीएसटी ओबीसी 2 सुत्रीय मांग को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार खिलाफ लामबंद हुए है। सोचनीय पहलू यह है कि आंदोलनकारी रात्रि में भी आंदोलन स्थल में डटे हैं। 461वें दिन के हड़ताल गुजरने के आज भी शासन केे कान में जूं तक नहीं रेंगी।
       उल्लेखनीय है कि मढ़ोनार जन आंदोलन में ग्रामीणों की मांग है की राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायत मढ़ोनार में नवीन पुलिस केंम्प खोलने प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्राम सभा सहमति बिना इस प्रस्ताव को रद्द कराने व राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा छोटेडोंगर से तोयमेटा कावनार तक सड़क चौड़ीकरण कार्य करने प्रस्ताव पारित किया है ग्राम सभा सहमति बिना इस प्रस्ताव को रद्द कराने की मांग है।

आंदोलनकारियों ने जानकारी दिए की जन आंदोलन मांगों को पूरा करने बजाए नारायणपुर जिला प्रशासन द्वारा 14 अप्रैल 2024 को सुबह 6 बजे समय में आंदोलनरत् जनता के उपर पुलिस फोर्स भेजकर जोर जबरन से आंदोलनरत् जनता को उजाड़ दिया गया और भारत का संविधान पांचवीं अनुसूचीं कानून का घोर उल्लंघन कर छोटेडोंगर से हितुलवाड़ सड़क चौड़ीकरण कार्य किया गया। ग्रामीणों ने यह भी जानकारी दी कि रात्रि 3 बजे सड़क बनाया गया। जबकि इसकी जानकारी स्थानीय आम जनता को किसी को भी पता ही नहीं चल सका। यहीं नहीं उक्त सड़क निर्माण में रातों-रात, हजारों पेड़ की बलि चढ़ाई गई। जिसकी जानकारी कलेक्टर को भी दी गई। यहां कार्रवाई ना कर बल्कि मढ़ोनार जन आंदोलन कार्यकर्ताओं को नक्सली नाम से आदिवासी अधिकार बचाओं मंच, अध्यक्ष शंकर कश्यप एवं समलू कोर्राम कार्यकर्ता और सुखदेर कोर्राम सदस्य को फर्जी केश बना कर जेल भेज दिया गया है।

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