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एसईसीएल ने दर्ज किया इतिहास का सबसे तेज 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन, रिकॉर्ड पाँचवीं बार कंपनी ने छुआ 150 एमटी का आंकड़ा

गेवरा, कुसमुंडा एवं दीपका मेगापरियोजनाओं की रही महत्वपूर्ण भूमिका
कोरबा। वित्तीय वर्ष ’23-24 में एसईसीएल का वार्षिक कोयला उत्पादन 150 मिलियन टन के पार पहुँच गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में कंपनी ने 16.95 मिलियन टन (12.73ः) की बढ़ोत्तरी दर्ज करते हुए 1 महीने पहले ही 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन के आंकड़े को छू लिया है। अगर पिछले 5 वर्षों के एसईसीएल के कोयला उत्पादन पर नजर डालें तो एसईसीएल ने वर्ष 2022-23 में 167 मिलियन टन, वर्ष 2021-22 में 142.52 मिलियन टन, वर्ष 2020-21 में 150.61 मिलियन टन, 2019-20 में 150.55 मिलियन टन तथा 2018-19 में 157.35 मिलियन टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया है। इस प्रकार एसईसीएल ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक रिकॉर्ड पाँचवीं बार 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन का आँकड़ा पार किया है।

एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कंपनी की इस उपलब्धि में एसईसीएल की मेगापरियोजनाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश की सबसे बड़ी गेवरा खदान ने 46.11 मिलियन टन, कुसमुंडा ने 38.5 मिलियन टन तथा दीपका ने 26.3 मिलियन टन कोयला उत्पादन करते हुए कंपनी के कुल उत्पादन में लगभग 74ः का योगदान दिया है।

कोयला निष्कासन से पूर्व की प्रक्रिया
ओबीआर में एसईसीएल ने इस वर्ष ऐतिहासिक नतीजे दिए हैं तथा कंपनी पिछले वर्ष के कुल ओबीआर को पहले ही पीछे छोड़ चुकी है और स्थापना से अब तक के सर्वाधिक वार्षिक ओबीआर की तरफ बढ़ रही है। इस अवसर पर सीएमडी एसईसीएल डा. प्रेम सागर मिश्रा व निदेशक मण्डल ने एसईसीएल टीम को बधाई दी है

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