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एक सौ दस फीट उंचाई व स्व-चलित रावण दहन, लोक गीत ने बिखेरी जलवा, कोरबा वेस्ट में लोगो ने उठाया लुप्त,  जानिए क्या है रावण दहन की विशेषता

कोरबा। Lokvarta24news.com@NewsDesk@हसदेव ताप विद्युत गृह, कोरबा पश्चिम के लाल मैदान में बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व विजयादशमी (दशहरा) बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी लाल मैदान का दशहरा लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा। जिसमें कोरबा जिले एवं दुरस्थ अंचलों से लोगों लाल मैदान कोरबा वेस्ट में आकर दशहरा का लुप्त उठाएं। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय मंदिर में भव्य राम झांकी के पूजन से प्रारंभ हुआ तथा भजन मंडली के साथ कीर्तन करते हुए झांकी हसदेव ताप विद्युत गृह के आवासीय परिसर में भ्रमण करते हुए उत्सव स्थल पर पहुंची, जहां पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी मर्यादित के प्रबंध निदेशक एसके कटियार, संयंत्र के मुख्य अभियंता संजय शर्मा, आयोजन समिति के अध्यक्ष हेमन्त सिंह एवं डीएसपीएम टीपीएस, कोरबा पूर्व के मुख्य अभियंता हेमंत सचदेवा सहित प्रशासनिक अमले की टीम द्वारा राम-सीता एवं लक्ष्मण की पूजा-अर्चना की गई साथ ही अतिथियों द्वारा पुतला निर्माण समिति एवं राम झांकी समिति के सदस्यों का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर कोरबा के कलेक्टर सौरभ कुमार पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला निगम आयुक्त सुश्री प्रतिष्ठा ममगोई, सीईओ जिला पंचायत विश्व दीप, नगर पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम के आयोजकों का उत्साहवर्धन किया। मंचस्थ अतिथियों ने अपने उदबोधन में इस पर्व के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं इसलिए हमें भी अपने अंदर की बुराइयों का सूक्ष्मता के साथ अवलोकन कर उनका दहन करने का संकल्प लेना चाहिए साथ ही उन्होंने उपस्थित जनसमूह को दशहरा तथा आने वाले अन्य पर्वों की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी के लिए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। जिसके उपरांत भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन करते हुए रावण के पुतले का दहन किया गया।

कोरबा वेस्ट स्थित रावण की विशेषता
लगभग 110 फीट ऊंचाई वाले रावण के इस स्व-चालित पुतले की प्रमुख विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से टेक्निकल हैं जिसका निर्माण बहुत ही कम खर्च में हसदेव ताप विद्युत गृह के कर्मचारियों द्वारा संयंत्र से निकले हुए स्क्रैप से किया गया। जिसने अपना सिर घुमाकर, तलवार लहराकर, आखों से अंगारे उगलकर एवं मुंह से धुआं निकालकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद जनसमुदाय का भरपूर मनोरंजन किया। इस प्रकार लाल मैदान का रावण अपनी बनावट के लिए न केवल कोरबा बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में प्रसिद्ध हैं। कार्यक्रम के अंत में सूरज श्रीवास एवं श्रीमती लक्ष्मी करियारे की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ी लोक गीत सोनहा सुरता पर आधारित मनमोहक प्रस्तुति दी गई। जिसका कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित अपार जनसमूह ने भरपूर आनंद लिया। आयोजन के दौरान मंच संचालन का कार्य रविन्द्र साहू ने किया। इस तरह दर्री (कोरबा) के प्रसिद्ध लाल मैदान के दशहरा उत्सव का भव्य समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में हसदेव ताप विद्युत गृह, कोरबा पश्चिम के सभी विभागों का सराहनीय योगदान रहा।

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