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Coal Scam कोयला घोटाले और अवैध वसूली का मामला, ED डी की स्पेशल कोर्ट ने दो विधायकों को जारी किया नोटिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ईडी की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला और अवैध वसूली के मामले में विधायक चंद्रदेव राय और विधायक देवेंद्र यादव के साथ-साथ 9 अन्य के खिलाफ परिवाद पंजीबद्ध कर लिया है। कोर्ट ने सभी को नोटिस जारी करते हुए 25 अक्टूबर को उपस्थित होने की तारीख दे दी है। यह एक पूरक परिवाद है जिसे कोर्ट ने पंजीबद्ध कर लिया है। कोर्ट में परिवाद पंजीबद्ध होने के सांथ ही सभी की मुश्किलें भी बड़ गई है। क्योंकि उन्हें 25 अक्टूबर से पहले कोर्ट से अग्रिम जमानत लेनी होगी, अगर अग्रिम जमानत नहीं मिलती है तो कोर्ट ज्यूडिशल कस्टडी में ले सकती है।
बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की तर्ज पर कोयला परिवहन में 25 रुपए पर्यटन की अवैध वसूली कर पांच सौ करोड़ का घोटाला का आरोप लगा है, जिसमें ईडी ने आईएएस समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल इस पूरे मामले का किंग पिन बताते हुए सूर्यकांत तिवारी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। जिसको लेकर पहले ही परिवार पंजीबद्ध किया जा चुका है इसके बाद इसी मामले में ईडी ने आईएएस रानू साहू और निखिल चंद्राकर को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसको लेकर परिवाद अदालत में पेश किया जा चुका है।

11 लोगों के नाम शामिल
परिवाद में रानू साहू समेत 11 लोगों का नाम शामिल किया गया था, जिसमें विधायक देवेंद्र यादव विधायक चंद्रदेव राय का भी नाम शामिल था। इसी परिवार को कोर्ट ने 23 सितंबर को पंजीबद्ध कर लिया है। पूरक परिवाद में पहले जिन नामों को शामिल किया गया था उनमें निखिल चंद्राकर, रानू साहू, पीयूष सिंह, देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय, विनोद तिवारी, राम प्रताप सिंह, रोशन सिंह, मनीष उपाध्याय, नवनीत तिवारी और नारायण साहू का नाम शामिल है।

क्या है पूरा मामला-
बता दें कि ईडी के द्वारा 18 अगस्त को विशेष अदालत जिन नाम का जिक्र किया गया था उनमें से निखिल चंद्राकर और रानू साहू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वर्तमान में न्याय हिरासत में केंद्रीय जेल में बंद है बाकी शेष 9 नामों का जिक्र ईडी ने परिवार में किया है उनकी मुश्किल अब बड़ गई है। अब इन सभी को कोर्ट में पेश होना होगा लेकिन कोर्ट में पेश होने से पहले इन सभी को अग्रिम जमानत भी लेनी होगी। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अग्रिम जमानत के बिना अदालत में यह सभी हाजिर होते हैं तो अदालत इन्हें न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल भेज सकती है। इन सभी को 25 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा जो सभी 9 लोग गिरफ्तार नहीं है सभी को नोटिस जारी किया है। जैसा कि नियम है कि कोर्ट पहले उपस्थिति के लिए नोटिस जारी करती है और जिसे कोर्ट ने इस मामले में जारी कर दिया है इसके बाद जमानती वारंट जारी होगा और यदि तब भी यह सभी उपस्थित नहीं होते हैं तो गैर जमानती वारंट जारी होगा जिसकी तामील पुलिस को करनी होगी।

 

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