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माइनिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा को एमजीएमआई एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया

बिलासपुर। कोलकाता में आयोजित समारोह में माइनिंग, जियोलॉजिकल एंड मेटालर्जिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा प्रदत्त किया गया। कोयला खनन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा को प्रतिष्ठित “एमजीएमआई अवार्ड फॉर एक्सीलेंस फॉर कोल माइनिंग” से सम्मानित किया गया है।
उक्त अवार्ड कोलकाता में माइनिंग, जियोलॉजिकल एंड मेटालर्जिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ग्रीन माइनिंग एवं नेट जीरो पर कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कोल इंडिया निदेशक (तकनीकी) बीवीरा रेड्डी के करमलों से प्रदान किया गया। इस अवसर पर अवार्ड में मिली धनराशि डॉ मिश्रा द्वारा एमजीएमआई पुस्तकालय को भेंट की गई। डॉ. मिश्रा के पास कोयला उद्योग में विभिन्न पदों पर कार्य करने का 16 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से वर्ष 1987 में बी.टेक (माइनिंग) की पूरी की एवं 1990 में माइनिंग में प्रथम श्रेणी का प्रमाणपत्र प्राप्त किया। उन्होने आईआईटी (आईएसएम)-धनबाद से प्रबंधन अध्ययन में पीएचडी भी की है। एसईसीएल से पहले वे ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के भी सीएमडी रह चुके हैं। डॉ मिश्रा के कुशल नेतृत्व में एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन एवं विभिन्न क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वर्ष 22-23 में एसईसीएल द्वारा अपने इतिहास का सर्वाधिक कोयला उत्पादन, ओबीआर एवं ऑफटेक दर्ज किया गया है एवं इस वर्ष भी अप्रैल-अगस्त 2023 की समयावधि में कंपनी ने सर्वाधिक कोयला उत्पादन, ओबीआर एवं ऑफटेक का रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ भूविस्थापितों के को त्वरित रोजगार एवं समुचित बसाहट के लिए एसईसीएल निरंतर प्रयासरत है। कंपनी ने भूमि अधिग्रहण की देयताओं में सकारात्मक बदलाव किए हैं। इस वित्तीय वर्ष ‘23-24 में अप्रैल से जुलाई 2023 तक रिकॉर्ड 254 भूविस्थापितों को रोजगार स्वीकृति प्रदान की गई है।

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