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पुराने संसद में कामकाज के अंतिम दिवस सांसद ज्योत्सना ने कहा-ओल्ड इज गोल्ड

 नए संसद भवन में भी गूजेंगी कोरबा लोकसभा की आवाज

दिल्ली। 95 साल पुराना संसद भवन अब अतीत का पन्ना बन गया। नए संसद भवन में कामकाज से पहले पुराने संसद भवन में सांसदों ने अपने अंतिम कार्य को अंजाम दिया। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर नए संसद का उद्घाटन होगा। पीसीसी चीफ व बस्तर सांसद दीपक बैज साथ रहे कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत पुराने संसद भवन में कामकाज के अंतिम दिवस भावुक हो उठीं। उन्होंने संसद भवन की डायरी में लिखा ओल्ड इज गोल्ड। सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि नए भवन में संसदीय कार्य की जहां उत्सुकता है और यह देश के लिए एक गौरवमयी क्षण की शुरूआत है, वहीं दूसरी तरफ 95 साल पुराने संसद भवन से अलग होने का दुरूख भी है। पुराना संसद भवन भारत देश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले अनेक निर्णयों का साक्षी रहा है। आजादी से पहले और आजादी के बाद का यह संसद भवन हर भारतवासी की स्मृति में सदैव अक्षुण रहेगा। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रथम उद्बोधन से लेकर इस संसद ने अनेक गौरवमयी क्षणों का अनुभव किया तो कई बार देश हित में कठोर निर्णयों का भी साक्षी बना है। ज्योत्सना महंत ने कहा कि वे नए संसद भवन में भी अपने कोरबा संसदीय क्षेत्रवासियों के हित के लिए पूरी ऊर्जा और क्षमता के साथ अपनी आवाज बुलंद करती रहेंगी। उम्मीद है कि नए संसद भवन से कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए हितकारी निर्णय जारी होंगे।

 

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