कोरबा। बालको प्रबंधन के द्वारा राखड़ एवं कोयला परिवहन के लिए बजरंग धाम बेलगरी बस्ती परसाभांठा रोड, रिंग रोड, रिस्दी रोड जो आम जन मानस के उपयोग के लिए हैं का उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण जानलेवा दुर्घटना, लोगों के घर पर भारी वाहन घुस रहा एवं चक्का जाम की स्थिति रोज बन रही है। जिसके कारण आम जनमानस, स्कूली बच्चे एवं स्थानीय व्यापारी एवं प्रभावित बस्तीवासी अत्यंत समस्या से ग्रसित है, जिसकी वजह से परसाभांठा विकास समिति द्वारा प्रभावित लोगों के साथ मिलकर 18 जनवरी 2023 को जन आन्दोलन किया गया जिसमें बालको प्रबंधन जिला प्रशासन एवं परसाभांठा विकास समिति के साथ त्रिपक्षीय वार्ता भी हुआ था, जिसमें वैकल्पिक मार्ग तीन माह के अन्दर सर्वेक्षण कर एक वर्ष के भीतर वैकल्पिक मार्ग का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा कहा गया था।
जो कि अभी तक अपूर्ण है, लेकिन आज पर्यन्त तक बालको प्रबंधन द्वारा के द्वारा कार्य नहीं किया गया और न ही परसाभांठा विकास समिति से वैकल्पिक मार्ग की चर्चा की गई जिससे बस्ती वासी अत्यंत आक्रोशित है।
इसी मुद्दे को लेकर परसाभांटा विकास समिति के बैनर तले 31 अगस्त 23 के तड़के सुबह 6 बजे से परसाभांटा के स्थानीय महिला, पुरूष के आलावा नौजवान भी
इस आर्थिक चक्काजाम मेें बैठे दिख रहे है।
ज्ञात हो कि बालको प्रबंधन को समिति व स्थानीयजनों के द्वारा 10 दिवस का समय दिया गया था परन्तु सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण आम जन जानस परसाभांठा विकास समिति के साथ मिलकर परसाभांठा चौक पर बालको प्रबंधन के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी किया जा रहा है। विकास समिति ने जानकारी यह भी दी है कि यह चक्काजाम अनिश्चित कालीन चलेगा।
विदित हो कि कोरबा जिले के उपनगरीय क्षेत्र बालको परसाभांटा में विकास समिति के बैनर यह मांग कई वर्षो से करता आ रहा है। बालको प्रबधंन केवल झूठा आश्वासन देकर समिति व आम जनमानस को अंधेरो में रखा है। इस संबंध में परसाभाटा विकास समिति के सदस्य विकास डालमिया ने जानकारी देते हुए बताया कि एक सूत्रीय मांग जिसमें परसाभाटा क्षेत्र में भारी वाहनों हेतु वैकल्पिक मार्ग की मांग को लेकर बालको प्रबंधन के विरुद्ध धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया है। यह आंदोलन अनिश्चितकालीन प्रारंभ रहेगी। आज बालको प्रत्येक माह बालको नगर से करोड़ों की कमाई कर रहा है। पर वहीं दुसरी ओर बस्ती वालों नजर अंदाज कर बैवकुफ बना रहा है। आज परसाभांटा का आलम यह है कि आम आदती दूपहिया वाहन से गुजरने के पहले से सोचता है कि क्या वह गंतव्य स्थान बताया तक सुरक्षित पहुंच पायेगा की नहीं। विदित हो कि भारी वाहनों की आवाजाई के चलते क्षेत्र में आए दिन दूर्घटनाएं होती रहती है जिससें कि आम जनमानस में भय का आलम बना रहता है। अतः बालको प्रबंधन से उनके द्वारा मांग की जा रही है कि उक्त भारी वाहनों की आवाजाई हेतु वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए, ताकि इन वाहनों के चलते आए दिन हो रही दुर्घटना व प्रतिदिन डस्ट पर अंकुश लगाई जा सके।