पटना| जनता दल (यूनाइटेड) ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अपने 11 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने कहा है कि ये नेता लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे और संगठन की विचारधारा के विपरीत काम कर रहे थे। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बयान जारी कर कहा कि “इन सभी नेताओं का आचरण पार्टी की नीतियों और अनुशासन के खिलाफ पाया गया है। चुनाव के समय पार्टी लाइन से अलग जाकर बयानबाज़ी और गतिविधियां करना अस्वीकार्य है।”
निष्कासित नेताओं में पूर्व मंत्री और विधायक शामिल
जिन नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया है, उनमें कई बड़े नाम शामिल हैं —
पूर्व मंत्री शैलेश कुमार
पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद
पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह
पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह
पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार
अमर कुमार सिंह
इसके अलावा, पिछले चुनाव में महुआ से जदयू प्रत्याशी रही आस्मां परवीन, लव कुमार, आशा सुमन, दिव्यांशु भारद्वाज और विवेक शुक्ला के नाम भी सूची में शामिल हैं।
टिकट न मिलने से नाराज़गी, कई निर्दलीय चुनाव मैदान में
सूत्रों के अनुसार, इन नेताओं में से कुछ को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था, जिसके चलते पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराज़गी बढ़ती जा रही थी। कई नेताओं ने जदयू से अलग होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने का फैसला किया था।
चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की कोशिश
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव से पहले अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी संगठन अब केवल उन लोगों के साथ आगे बढ़ेगा जो जदयू की विचारधारा, नेतृत्व और नीतियों के प्रति निष्ठावान हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम जदयू के लिए “डैमेज कंट्रोल” रणनीति का हिस्सा है, जिससे आगामी चुनाव में एकजुटता का संदेश दिया जा सके।





