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डिप्टी सीएम सिंहदेव ने दिए संकेत, नए चेहरों को मिलेगा मौका, जानें दावेदारों की स्थिति

रायपुर। कांग्रेस से विधानसभा टिकट के लिए मिले आवेदनों को स्क्रूटनी के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेज दिया गया है। शनिवार को अंबिकापुर में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संभाग के कुछ प्रत्याशी नए चेहरे हो सकते हैं। हालांकि, वर्तमान विधायकों का टिकट काटना कठिन निर्णय होता है। कुछ दिन बचे हैं, इसलिए अभी पक्का कह नहीं सकते कि कितने चेहरे नए होंगे। डिप्टी सीएम सिंहदेव ने रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में अंबिकापुर महापौर डॉ. अजय तिर्की की दावेदारी को मजबूत बताया है। उन्होंने कहा कि डा. अजय तिर्की तीन बार से टिकट मांग रहे हैं। उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। वर्ष 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला रिकार्ड कायम रख पाना लगभग असंभव दिखाई दे रहा है। अविभाजित सरगुजा की आठ विधानसभा सीटों में से प्रतापपुर को छोड़कर भटगांव, प्रेमनगर, रामानुजगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर और सीतापुर सीटों में सभी प्रत्याशी दो या इससे अधिक बार विधायक बने हैं। कोरिया जिले की तीनों सीटों बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत एवं मनेंद्रगढ़ में पहली बार तीनों विधायक चुनाव जीते हैं। जशपुर जिले में पत्थलगांव विधानसभा को छोड़कर कुनकुरी और जशपुर सीटों पर पहली बार दोनों विधायक विधानसभा पहुंचे हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में 15 साल बाद सत्तासीन हुई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में विधायकों के प्रति नाराजगी है। कुछ विधायकों के कामकाज को लेकर लोगों में निराशा है। ऐसे में प्रत्याशियों का एंटी इनकंबेंसी कांग्रेस अपने पाले में नहीं लेना चाहती। ऐसी स्थिति में कई विधायक अपनी टिकट को लेकर सशंकित हैं। शनिवार को टीएस सिंहदेव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संभाग में कांग्रेस के कुछ नए चेहरे हो सकते हैं। जो विधायक रहे हैं, उन्होंने भी अच्छा काम किया है। इस कारण टिकट काटना कठिन निर्णय हो सकता है। अब टिकट फाइनल होने में कुछ ही दिन बचा है। सिंहदेव ने रामानुगंज विधानसभा में अंबिकापुर महापौर डा. अजय तिर्की की दावेदारी को लेकर कहा कि वे तीन विधानसभा चुनाव से टिकट मांग रहे हैं। वे वहां डाक्टर रहे हैं। क्षेत्र में उनकी पकड़ अच्छी है। जब उन्हें अंबिकापुर महापौर का टिकट दिया गया तो क्षेत्र से कई फोन मेरे पाए आए, जिन्होंने डा. अजय तिर्की का साथ देने कहा था। वे रामानुजगंज क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। वर्ष 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला रिकार्ड कायम रख पाना लगभग असंभव दिखाई दे रहा है। अविभाजित सरगुजा की आठ विधानसभा सीटों में से प्रतापपुर को छोड़कर भटगांव, प्रेमनगर, रामानुजगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर और सीतापुर सीटों में सभी प्रत्याशी दो या इससे अधिक बार विधायक बने हैं।
कोरिया जिले की तीनों सीटों बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत एवं मनेंद्रगढ़ में पहली बार तीनों विधायक चुनाव जीते हैं। जशपुर जिले में पत्थलगांव विधानसभा को छोड़कर कुनकुरी और जशपुर सीटों पर पहली बार दोनों विधायक विधानसभा पहुंचे हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में 15 साल बाद सत्तासीन हुई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में विधायकों के प्रति नाराजगी है। कुछ विधायकों के कामकाज को लेकर लोगों में निराशा है। ऐसे में प्रत्याशियों का एंटी इनकंबेंसी कांग्रेस अपने पाले में नहीं लेना चाहती। ऐसी स्थिति में कई विधायक अपनी टिकट को लेकर सशंकित हैं। शनिवार को टीएस सिंहदेव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संभाग में कांग्रेस के कुछ नए चेहरे हो सकते हैं। जो विधायक रहे हैं, उन्होंने भी अच्छा काम किया है। इस कारण टिकट काटना कठिन निर्णय हो सकता है। अब टिकट फाइनल होने में कुछ ही दिन बचा है। सिंहदेव ने रामानुगंज विधानसभा में अंबिकापुर महापौर डा. अजय तिर्की की दावेदारी को लेकर कहा कि वे तीन विधानसभा चुनाव से टिकट मांग रहे हैं। वे वहां डाक्टर रहे हैं। क्षेत्र में उनकी पकड़ अच्छी है। जब उन्हें अंबिकापुर महापौर का टिकट दिया गया तो क्षेत्र से कई फोन मेरे पाए आए, जिन्होंने डा. अजय तिर्की का साथ देने कहा था। वे रामानुजगंज क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। अंबिकापुर विधानसभा से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित कुल 108 दावेदारों ने आवेदन किया है। टीएस सिंहदेव अंबिकापुर सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। यहां टीएस सिंहदेव का 2023 में चुनाव में उतरना तय माना जा रहा है। यहां दावेदारों में उनके भतीजे आदितेश्वर, खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा सहित कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा सहित नगर निगम के पार्षद, जिला व ब्लाक पदाधिकारी भी शामिल हैं।
सीतापुर विधानसभा
प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से 18 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन दिया है। अजजा वर्ग के लिए आरक्षित सीतापुर सीट अमरजीत भगत चैथी बार विधायक बनें हैं। उनका पांचवीं बार भी टिकट तय माना जा रहा है। यहां से मंत्री अमरजीत भगत, फूलसाय लकड़ा, राजेश मिंज, शांति पैकरा, हेमंती प्रजापति सहित 18 कांग्र्रेस नेताओं ने प्रत्याशी बनाने के लिए आवेदन किया है।
लुंड्रा विधानसभा
सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक एवं सीजीएमएससी के अध्यक्ष डा. प्रीतम राम विधायक हैं। इससे पहले वे वर्ष 2013 में सरकारी नौकरी छोड़कर सामरी सीट से कांग्रेस के विधायक बने थे। डा. प्रीतम राम की स्थिति क्षेत्र में भी मजबूत है। वे टीएस सिंहदेव के करीबी माने जाते हैं। लुंड्रा सीट से उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है। यहां से जिपं अध्यक्ष मधु सिंह, गंगाराम पैकरा, पौलुष कुजुर सहित 8 लोगों ने आवेदन किया है। यहां से भाजपा ने अंबिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज को प्रत्याशी घोषित किया है।
प्रेमनगर विधानसभा
सूरजपुर जिले की अनारक्षित प्रेमनगर सीट से वर्तमान में विधायक खेलसाय सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं। 76 वर्षीय खेलसाय सिंह गोंड़ समाज के प्रभावी नेता हैं और कई बार कांग्रेस के विधायक एवं तीन बार सांसद रह चुके हैं। उम्र व स्वास्थ्य के साथ क्षेत्र में उनकी स्थिति देखते हुए खेलसाय सिंह की टिकट कट सकती है। यहां से युकां की राष्ट्रीय सचिव व टीम राहुल की सदस्य शशि सिंह की मजबूत दावेदारी है। यहां से 41 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। भाजपा ने यहां से भूलन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है।
भटगांव विधानसभा
अनारक्षित भटगांव सीट में पारस नाथ राजवाड़े लगातार दूसरी बार विधायक बनें हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर यहां रजवार समाज की आबादी सर्वाधिक व निर्णायक है। पारस नाथ राजवाड़े की टिकट को लेकर संशय की स्थिति है। दो बार विधायक रहने के कारण क्षेत्र में उन्हें लेकर एंटी इनकम्बेंसी की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस यहां चेहरा बदल सकती है। कांग्रेस की टिकट के लिए यहां से श्रम आयोग अध्यक्ष शफी अहमद, भैयाथान जनपद उपाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, भगवती राजवाड़े, सुभाष गोयल सहित 28 लोगों ने आवेदन किया है। भाजपा ने यहां से लक्ष्मी राजवाड़े को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ दिया है।
प्रतापपुर विधानसभा
अजजा वर्ग के लिए आरक्षित प्रतापपुर सीट में वर्तमान में डा. प्रेमसाय सिंह विधायक हैं। वे भूपेश सरकार में शिक्षामंत्री रहे। दो माह पूर्व उनसे इस्तीफा ले लिया गया और कुछ दिनों पूर्व वे राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं। डा. प्रेमसाय अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में दो बार मंत्री एवं कई बार के विधायक हैं। हालांकि वे वर्ष 2013 में चुनाव हार गए थे और 2018 में फिर से तत्कालीन गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को हराकर विधानसभा पहुंचे। डा.प्रेमसाय सिंह की स्थिति क्षेत्र में अच्छी नहीं मानी जा रही है। एंटी इनकंबेंसी झेल रहे डा. प्रेमसाय की जगह नया चेहरा भी चुनाव मैदान में हो सकता है। यहां से 31 कांग्रेसियों ने टिकट के लिए आवेदन दिया है। इनमें राज्य अजजा आयोग अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह, विद्यासागर सिंह, शिवभजन मराबी सहित अन्य दावेदार शामिल हैं। भाजपा ने यहां तेज तर्रार नेत्री शकुंतला पोर्ते को चुनाव मैदान में उतारा है।
रामानुजगंज विधानसभा
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से बृहस्पति सिंह लगातार दूसरी बार के विधायक हैं। वे वर्ष 2013 में तत्कालीन मंत्री व लगातार पांच बार के विधायक रामविचार नेताम को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले बृहस्पति सिंह के लिए डा. अजय तिर्की ने टिकट की दावेदारी कर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बृहस्पति सिंह प्रदेश के मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे के खिलाफ एफआईआर कराकर एवं सिंहदेव पर हत्या की साजिश करने का आरोप लगाकर चर्चे में आए थे, हालांकि उन्होंने इसके लिए बाद में सिंहदेव से माफी मांग ली थी। क्षेत्र में खासी पकड़ रखने वाले बृहस्पति सिंह की मजबूत स्थिति के बावजूद उनके मुकाबले यहां डा. अजय तिर्की प्रदेश के डिप्टी सीएम सिंहदेव की पसंद हैं। इसलिए उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। भाजपा ने यहां से कद्दावर नेता रामविचार नेताम को फिर से मैदान में उतारा है।
सामरी विधानसभा
सामरी विधानसभा क्षेत्र में संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज विधायक हैं। वे वर्ष 2013 में कांग्रेस प्रवेश के बाद पहली बार लुंड्रा से एवं दूसरी बार सामरी से निर्वाचित हुए हैं। चिंतामणी महाराज की संगठन से कभी नहीं बनीं। उनके ही खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं उनके क्षेत्र में आने वाले कुसमी, राजपुर एवं शंकरगढ़ तीनों के ब्लॉक अध्यक्ष खड़े रहे। चिंतामणी महाराज के लिए टिकट पाना इस बार आसान नहीं है। हालांकि यहां कांग्रेस के पास कोई नामी चेहरा नहीं है, लेकिन कांग्रेस क्षेत्र में मजबूत स्थिति में है। भाजपा ने यहां प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भाजपा के पास भी कोई बड़ा चेहरा नहीं है। यहां से 34 लोगों ने दावेदारी की है। इनमें विजय पैकरा, लालसाय मिंज, दिनेश कुजूर, जिपं सदस्य सहित कई नाम हैं। सामरी से कांग्रेस नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।

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