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कस्तुरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में छात्रा ने दी बच्चें को जन्म, छात्रावास अधीक्षिका निलंबित, जानिए क्या है मामला

कोरबा। कोरबा जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां के पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड स्थित कस्तूरबा गांधी सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ रही 11वीं की छात्रा बिन ब्याही बनी मां बन गई है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस छात्रा ने अपनी रूम में रहकर बच्चे को जन्म दिया और उस रुम की खिड़की से नवजात को बड़ी ही बेरहमी से बाहर फेेंक दिया। इससे नवजात के पैर में चोट लगी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब यह मामला उजागर हुआ तब महिला छात्रावास अधीक्षिका के हाथ पांव फुल गये। आनन-फानन में उन्होंने लड़की से इस संबंध में पूछा तो नाबालिग छात्रा ने इसे सिरे से ही इंकार कर दिया। बाद में उसकी तबीयत खराब होने पर उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने इस मामले की पूरी कहानी बयां कर दी। इसके बाद प्रशासन ने शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर फौरन कार्रवाई करते हुए छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दिया है। अब उन्हें मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कटघोरा भेज दिया गया है। मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही हैा।
छात्रा की उम्र 17 साल की बताई जा रही है। कस्तूरबा गांधी सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में एक छात्रा ने प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया है। वहीं उसके परिजनों का कहना है कि बेटी ने कभी अपने गर्भवती होने की जानकारी नहीं दी। शिशु के पैर में चोट के निशान पाए गए हैं। ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए उसे कोरबा में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है।
उक्त घटना कोरबा जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर पौड़ी उपरोड़ा में आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। खबर के अनुसार वहां पर निवासरत एक किशोरी के द्वारा परिसर में ही लगभग 8 महीने के शिशु को जन्म दिया गया। इस मामले की खबर जल्द ही संस्था में फैल गई जिस पर छात्रावास अधीक्षिका ने संज्ञान लिया। उन्होंने बालिका शिशु के जन्म के बारे में संबंधित छात्रा से पूछताछ की तो उसने इस मामले में अपनी भूमिका से साफ इंकार कर दिया। उसने कहा की शिशु किसका है, उसे नहीं पता। बाद में छात्रा के माता-पिता को बुलाकर पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि बेटी ने पहले कभी भी अपने गर्भवती होने के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी। इस घटनाक्रम में प्रीमेच्योर बालिका शिशु को कोरबा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विशेष नवजात शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है।
जिला मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि बताया कि शिशु लगभग 7 से 8 महीने का है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ समस्याएं हैं इसलिए उसे केयर यूनिट में रखा गया है। शिशु के एक पैर में चोट के निशान होने को लेकर डॉक्टर ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ऐसा क्यों हुआ। शिशु को ठंड लग गई थी और उसे हीटर हिट देकर गर्म किया गया है फिलहाल अभी बच्चे की हालत ठीक नहीं है उपचार जारी है। वह इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है वहीं सूचना मिलते ही संबंधित विभाग मौके पर पहुंच आगे की जांच कार्रवाई शुरू कर दी है संबंधित विभाग में इसकी शिकायत पुलिस से भी की है।
     फिलहाल अनैतिक संबंध के प्रभाव से इस दुनिया में आए बालिका शिशु का उपचार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में चल रहा है। पुलिस की जांच में आगे संबंधित तथ्य स्पष्ट होने की गुंजाइश है। लेकिन असली सवाल बना हुआ है कि सरकारी छात्रावास मे रहकर पढ़ाई करने वाली छात्र आखिर कैसे और किसके संपर्क में आई और व्यवस्था की निगरानी करने वाले तंत्र की नजर में वह काफी समय तक कैसे नहीं आ सकी। छात्रावास की अधीक्षिका जयकुमारी ने बताया कि बच्चों की रोने की आवाज आने पर उसने जाकर देखा तो छात्रावास में नवजात पड़ी हुई थी। जांच के दौरान बात सामने आए की एक छात्रा के द्वारा प्रसव होने के बाद बाथरूम की खिड़की से उसे नीचे फेंक दिया गया था। अधीक्षिका ने बताया कि इस घटना के सामने आने के बाद उसने छात्रावास में सभी बच्चों से पूछताछ की जहां एक छात्र की तबीयत खराब होना बताया उसे जब पौड़ी उपरोड़ा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया तब जांच के दौरान सामने आया कि प्रसव हुआ है।

 

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