रिपोर्ट@गौतम राज
कोरबा @पाली। जब लड़की की शादी होती है तो उसे कई प्रकार की उम्मींदे बनी रहती है अपने ससुराल पक्ष से की मायके से ज्यादा ससुराल में सास, ससुर तथा पति की सेवा करेगीं। मगर कई बार ससुराल गई बहुओं को कितने जिल्लद भरी जिदंगी गुजारनी पड़ती है ये वे ही समझ सकती है। कारण यह भी है कि उसे मालूम है कि कितनी मुश्किलों में उसके माता पिता हाथ पीला कर उसे सामाजिक रीति रिवाजों के साथ ससुराल भेजते है। यहीं वजह है कि ससुराल के थोड़े मोड़े तनाव को भी दरकिनार कर ससुराल में ही रहना पसंद करती है, कारण है कि समाज के साथ रहना है। एक ऐसा ही एक मामला कोरबा जिलांर्गत की बताई जा रही है जहां तीन माह की गर्भवति पत्नी को पति, सास व ससुर ने यह कहते हुए मायके भगा दिया गया कि दस हजार लेकर नहीं आई है तू अपने मायके जा।
उक्त वाक्या पाली विकास खंड के माखनपुर की है जहां अनोज टेकाम पिता संपत टेकाम का विवाह एक वर्ष पूर्व कपोट निवासी वेद प्रसाद की बेटी संगीता के साथ सामाजिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई थी। एकाएक उसे बेहद प्रताड़ित किया जाता रहा। अंततः तीन माह से गर्भ धारण हालत में संगीता अपने मायके वापस आ गई और लगातार अपनी शारीरिक परिस्थितियों की जानकारी देती रही लेकिन इसके बावजूद भी संगीता के ससुराल वाले उसे लेने क्या देखने भी नहीं पहूचें, इसी बीच संगीता का बच्चा भी हो गया इसकी भी जानकारी संगीता के परिजनों के द्वारा दी गई, मगर उस वक्त भी संगीता का पति अनोज टेकाम का मन नहीं बदला वह यह कहा कि वह मेरा बच्चा नहीं है किसी और का है। इस मामलंे में पीड़िता संगीता ने पाली थाना व चैतमा चौकी में जाकर लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहीं, मगर उसे न्यायलय जाने की सलाह दी गई, क्योंकि यह मामला महिला परामर्श व कुटूंब न्यायलय का है। अभी भी अपनी बच्ची को लेकर व ससुराल में जाकर पति के साथ रह कर जिंदगीं बिताना चाह रही है।