न्यूयार्क। मानव शरीर में प्रत्यारोपित किडनी 32 दिनों से सही कार्य कर रही है। यह प्रत्यारोपण ब्रेन डेड घोषित किए गए व्यक्ति में किया गया है। सूअर की किडनी के जीन में बदलाव कर प्रत्यारोपण के बाद कार्य करने का यह सबसे लंबा समय है। इससे जेनोट्रांसप्लांट के क्षेत्र में उम्मीदें बढ़ गई हैं। किसी पशु के अंगों का मानव में प्रत्यारोपण जेनोट्रांसप्लांट कहलाता है।
अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में हर रोज कई लोगों की जान चली जाती है। लोगों को अंगदान करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन फिर भी मांग के अनुरूप इनकी उपलब्धता बेहद कम है। इससे उबरने के लिए शोधकर्ताओं की ओर से जानवरों के अंगों को भी मानव शरीर में लगाने को लेकर प्रयोग किए जा रहे हैं।
मानव शरीर में सही से काम कर रही सूअर की किडनी
इसी क्रम में एक मामला सामने आया है, जिसे देखकर वे बेहद उत्साहित हैं। मानव शरीर में प्रत्यारोपित किडनी 32 दिनों से सही कार्य कर रही है। यह प्रत्यारोपण ब्रेन डेड घोषित किए गए व्यक्ति में किया गया है। सूअर की किडनी के जीन में बदलाव कर प्रत्यारोपण के बाद कार्य करने का यह सबसे लंबा समय है। इससे जेनोट्रांसप्लांट के क्षेत्र में उम्मीदें बढ़ गई हैं। किसी पशु के अंगों का मानव में प्रत्यारोपण जेनोट्रांसप्लांट कहलाता है।
डॉक्टर लगातार कर रहे निगरानी
यह प्रत्यारोपण पिछले महीने न्यूयार्क विश्वविद्यालय लेंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के चिकित्सकों की ओर से किया गया है। यहां किया गया ऐसा पांचवा प्रत्यारोपण है। इसे लेकर निगरानी लगातार रखी जा रही है।
सूअर की किडनी के जीन में हुआ है बदलाव
इस प्रयोग में खास बात यह है कि सूअर की किडनी के जीन में केवल एक बदलाव किया गया है। इससे पहले 2021 में किए गए शोधों में किडनी के जीन में 10 के करीब बदलाव किए गए थे। इस एक बदलाव ने किडनी का मानव शरीर की हाइपर एक्यूट रिजेक्शन से बचाव किया है।
