रायपुर। 9 नवंबर को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। उन्होंने रायगढ़ विधानसभा सीट में बीजेपी उम्मीदवार ओपी चौधरी के समर्थन में जनसभा की। इस दौरान अमित शाह ने ओपी चौधरी के बारे में कहा कि श्मैंने ओपी चौधरी से कहा था कि इस्तीफा मत दो, चीफ सेक्रेटरी बनोगे। उन्होंने जवाब दिया- नहीं साहब, नहीं करनी नौकरी। मैं इस्तीफा देकर जनता की सेवा करूंगा। अमित शाह ने ये किस्सा सुनाने के बाद जनता से अपील करते हुए कहा- एक बार ओपी चौधरी को विधायक बनाओ, इसको बड़ा आदमी बनाने की जिम्मेदारी मेरी है। अब इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के लिए वोटिंग हो गई है। बीजेपी-कांग्रेस जीत के दावे कर रही हैं। कांग्रेस ने इस बार का विधानसभा चुनाव सीएम भूपेश बघेल के चेहरे पर सामूहिक नेतृत्व में लड़ा। वहीं, बीजेपी ने इस बार का चुनाव संगठन के नाम पर लड़ा। बीजेपी जीत के दावे कर रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी की जीत के बाद सीएम कौन बनेगा ?
अमित शाह के बयान का क्या है मतलब
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर गृहमंत्री अमित शाह सबसे ज्यादा एक्टिव रहे। बूथ लेवल पर मीटिंग हो या फिर उम्मीदवारों का सिलेक्शन अमित शाह सबसे ज्यादा सक्रिय रहे। अमित शाह के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है हैं कि राज्य में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो सीएम पद के दावेदारों में ओपी चौधरी का भी नाम हो सकता है। हालांकि सरकार किसकी बनेगी इसका फैसला तीन दिसंबर को होगा।
कौन हैं ओपी चौधरी
ओपी चौधरी रायगढ़ जिले के बायंग गांव के रहने वाले हैं। ओपी चौधरी 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 13 साल की सर्विस के बाद उन्होंने 2018 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। ओपी चौधरी ने 2018 का विधानसभा चुनाव खरसिया विधानसभा सीट से लड़ा था पर वे अपना चुनाव हार गए थे।