आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में ब्रह्मकुमारी आश्रम चलाने वाली दो सगी बहनें फंदे से झूल गईं। इससे पहले उन्होंने नीली स्याही से सफेद कागज में कुछ लोंगों द्वारा सफेद कपड़ों के पीछे चलाने वाले काले साम्राज्य का काला चिट्ठा लिखा। इसे जिसने भी पढ़ा अंदर तक हिल गया। शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आश्रम के पीछे अय्याशी का अड्डा भी होगा। लेकिन बहनों के सुसाइड नोट को पढ़कर लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं। उन्होंने अपने भाई से प्रार्थना की, कि भैया इस केस को जरूर लड़ना, चाहे जितना पैसा लग जाए। इसे अपनी बहन की राखी की ही समझ लेना। हालांकि असली बातें तो अब पुलिसिया जांच के बाद ही सामने आ सकेंगी। लेकिन इन कागजों पर लिखी बात पर भरोसा इसलिए भी किया जा सकता है, क्योंकि कहते हैं कि मरने वाला कभी झूठ नहीं बोलता। इन कागजों पर लिखी गईं बातें भी मरने से पहले लिखी ही लिखी गई हैं।
मामला जगनेर थाना क्षेत्र का है। इसी क्षेत्र की रहने वाली दो बहन एकता (38) और शिखा (32) ने आज से कुछ वर्ष पहले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम को जॉइन किया। उन्होंने इसे शांति को मार्ग पर आगे बढ़कर लोगों को शांति प्रिय जीवन दिलाने के उद्देश्य से अपनाया था। लेकिन शायद उन्हें यह आभास भी नहीं रहा होगा, कि वह जिस आश्रम में सफेद कपड़े धारण करके आईं हैं, उन्हें इसकी कीमत काली करतूतों का शिकार होकर असमय फांसी पर झूलकर चुकानी पड़ेगी। मरने से पहले उन्होंने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने अपने साथ बीते उन पलों को लिखा, जिसमें वह घुट-घुटकर जी होंगी। अपनी इज्जत को तार-तार होते हुए अपनी आंखों से देखा होगा। इसके बाद उसे कड़वे जहर की तरह घुटक गईं होंगी। यह सोचकर कि आस्था, भरोसा, विश्वास के नाम पर कायम इस आश्रम की साख धूलि धूसित न हो। लेकिन अब जब बर्दाश्त की सीमा कॉस हो गई तो उन्होंने इसे सफेद कागज में अपनों हाथों से दर्ज करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
बहनों ने मरने से पहले नीरज और उसके पिता ताराचंद के अलावा इसके बहन के ससुर गुड्डन पर आश्रम की महिलाओं के साथ अवैध संबंध बनाने की बात लिखी। उन्होंने लिखा कि इसके कृत्य आशाराम बापू से भी अधिक खराब हैं। उन तीनों को आजीवन जेल की सजा मिले। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी से प्रार्थना की है। उन्होंने अपने भाई को राखी की सौगंध देकर कोर्ट में इस केस को लड़ने के लिए लिखा है। फिलहाल मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। जांच की जा रही है। घटना से परिवार के लोग सदमे में हैं। आश्रम जाने वाली बहनों के परिवार वाले कुछ सोच नहीं पा रहे हैं। उन्हें अपनी बेटियों के सम्मान, उनकी इज्जत को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
क्या है पूरा मामला
जगनेर में बसेड़ी रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी केंद्र में दो सगी बहनों ने आत्महत्या के मामले में मृतका के भाई सोनू सिंघल की तहरीर पर थाना जगनेर पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। शव को पंचनामा की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए आगरा भेजा गया है। थाना जगनेर पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ चल रही है। एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया है। ब्रह्माकुमारी की दो सगी बहनें एकता (38) और शिखा (32) के शव शुक्रवार को फंदे पर लटके मिले। घटनास्थल पर दो सुसाइड नोट भी मिले हैं। इसमें माउंट आबू और ग्वालियर स्थित सेंटर से जुड़े दो लोगों सहित चार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। एकता और शिखा के पिता का नाम अशोक कुमार सिंघल है, जो तांतपुर में रहते हैं। बताया गया है कि एकता और शिखा ने करीब आठ साल पहले माउंट आबू स्थित ब्रह्माकुमारी के मुख्यालय में दीक्षा ली थी। इसके बाद दोनों ने जगनेर में सेंटर शुरू किया था। परिवार के लोगों को देर शाम रूपवास सेंटर से जानकारी मिली कि उनकी दोनों बेटियों ने आत्महत्या कर ली है। इस पर वो पहुंचे। दोनों बहनों के शव हॉल में कुछ ही दूरी पर साड़ी से लटके मिले। पुलिस मौके पर पहुंची। दो सुसाइड नोट मिले हैं। इनमें एकता का तीन और शिखा का एक पेज का सुसाइड नोट है। सुसाइड नोट में नीरज सिंघल नामक व्यक्ति पर धोखा देने, उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।