कोरबा। कोरबा जिलांर्गत में एक पंचायत में ग्रामीणों ने मतदाता मतदान करनेे से साफ मना कर दिए है। उक्त गांव के सभी ग्रामीण प्रशासन के विरूद्व लामबंद होते हुए संयुक्त बयान मीडिया के समक्ष जारी कर बताया कि हम सभी ग्रामीण इस मतदान का विरोध है। प्रशासन केवल मतदान करने का प्रशिक्षण देने व मतदान प्रोत्साहित करने के लिए गांव-गांव आकर लोगो को जानकारी जरूर दे रहे है पर वहीं दुसरी तरफ दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के ग्रामीण पोलिंग बुथ तक कैसे जाएंगे इसकी जानकारी नहीं दी।
जी हॉं एक ऐसा ही एक वाक्या कोरबा जिलांर्गत विकासखंड़ पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पंचायत एतमानगर के आश्रित ग्राम ठाडपखना की बताई जा रही है जहां आज ग्रामीण एकाएक प्रशासन के विरूद्व लामबंद होते हुए एक आवश्यक बैठक गांव में बुलाई और मतदान का बहिष्कार करते हुए कहा कि हमारे गांव के स्कूल में पोलिंग बूथ होना चाहिए, अभी जहां पोलिंग बूथ प्रशासन ने दे रखी है वह गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर है। जहां विकलांग व बुजूर्ग 12 किलोमीटर का सफर कैसे तय कर सकेंगे। हमारे इस गांव में 6 सौ वोटर है जो दूसरे गांव जाकर वोट नहीं देंगे। प्रशासन को सरपंच के मार्फत बताया भी जा चुका गया था कि हमारे गांव में पोलिंग बूथ नहीं है। मगर अब चुनाव आ गया तब भी प्रशासन को सुध ही नहीं है कि यहां पोलिंग बूथ देनी है। यहीं नहीं इस गांव में सोसाईटी व बिजली की सुविधा भी नहीं है। फिर किस बात की मतदान का आपेक्षा पार्टी के प्रत्याशी इस गांव से कर रहे है। आक्रोशित ग्रामीणों ने यह भी जानकारी दी की हमारे गांव में कोई भी राजनीति पार्टी के प्रत्याशियों को घूसने नहीं दिया जाएगा। ज्ञात होना चाहिए की यह सीट कॉंेग्रेंस पार्टी से मोहितराम केरकेट्टा का था उसके बाद भी कांग्रेंस पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी यहां विकास के नाम से नगण्य है। बहरहाल बात जो भी है ग्रामीणों की मांग तो जायज है वहीं दुसरी तरफ भाजपा के आलावा गांेणवाना पार्टी को भी एक अच्छा चुटकी लेने का मौंका मिल गया।