कोरबा| कोरबा कटघोरा विधानसभा से भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के प्रेमचंद पटेल को उम्मीदवार बनाया हैं तब से क्षेत्र में यह बात जंगल मे लगी आग की तरह फैल गई हैं कि 70 प्रतिशत सामान्य और पिछड़ा वर्ग वाले विधानसभा से अनुसूचित जनजाति वर्ग से यदि कांग्रेस टिकट देती हैं तो निश्चित ही उसे नुकसान का सामना करना पड़ेगा. कटघोरा जिले की दूसरे नम्बर की सामान्य सीट हैं और यहां से हर बार या कहे सर्वाधिक बार अनुसूचित जनजाति से बोधराम कंवर और उनके पुत्र को टिकट दी गई. यहां से एक बार पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले मिलनसार कांग्रेस नेता कृष्णा लाल जायसवाल को टिकट दी गई थी जिसमें वे विजयी रहे.
कटघोरा सामान्य सीट हैं इसलिए हर बार बोधराम कंवर और उनके पुत्र पुरुषोत्तम कंवर को कांग्रेस की टिकट लेने में काफ़ी मस्कत का सामना करना पड़ता हैं। लेकिन इस बार विरोध इतना ज्यादा है कि दिल्ली और रायपुर के कांग्रेसी नेताओं को भी सोचने को मजबूर कर दिया हैं.
कटघोरा सीट से मौजूदा विधायक पुरुषोत्तम के अलावा रीना अजय जायसवाल, हरीश परसाई के अलावा अन्य नेताओं ने टिकट मांगा ओर आवेदन दिया था. दरअसल कांग्रेस में 33 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की बात की जा रही हैं उस स्थिति में कोरबा जिले की चार विधानसभा सीट से किसी एक सीट से महिला उम्मीदवार उतारा जा सकता हैं. कोरबा सीट से तो जीत की हैट्रिक लगाने वाले जयसिंह अग्रवाल को टिकट मिलना तय है. रही बात कटघोरा, रामपुर,तानाख़ार सीट की तो कटघोरा से सबसे अधिक संभावना हैं किसी महिला को टिकट मिलने की हैं. यह बात इसलिए कही जा रही हैं.क्योंकि मौजूदा विधायक पुरुषोत्तम कंवर के समर्थको द्वारा आपसी चर्चा में यह बात कही जा रही हैं कि कटघोरा से नगर पालिक दीपका की अध्यक्ष संतोषी दिवान को टिकट कांग्रेस से मिल सकती हैं और पाली तानाखर से पुरुषोत्तम कंवर चुनाव लड़ सकते हैं.यह समीकरण सामान्य सीट से अनुसूचित जनजाति को टिकट न देने की मांग के कारण बन जाये तो कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी.सूत्रों के अनुसार मौजूदा विधायक ही दिवान को टिकट दिलाने में रुचि इसलिए दिखाई ताकि उनके विरोधी खेमे में टिकट न चली जाए. यह पता चला हैं कि पुरुषोत्तम कंवर उसय शर्त में तानाख़ार जाने के लिए राजी हुए हैं जब उनके किसी समर्थक को कटघोरा से टिकट दी जायेगी. कांग्रेस हाईकमान उनकी बातों कितनी गंभीर हैं यह तो वक्त ही बताएगा.जबकि सच्चाई यह है कि यदि टिकट महिला कोटे से देनी होगी तो सबसे उपयुक्त उम्मीदवार पूर्व जिला पंचायत सदस्य व उपाध्यक्ष रीना अजय जायसवाल जो पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं का नाम पहले आएगा. और यहां से भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती हैं. सूत्र बताते हैं कि रीना जायसवाल के नाम को लेकर कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक में भी चर्चा हुई. महिला और पिछड़ा वर्ग से होने के कारण इसका लाभ रीना जायसवाल को मिल सकता हैं.