भिलाई। वामपंथी पार्टियों भाकपा, माकपा तथा भाकपा( माले) लिबरेशन द्वारा 11 अक्टूबर को सेक्टर 6, भिलाई मे अभिव्यक्त की आजादी और जन पक्ष पत्रकारिता पर हमले के खिलाफ प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया। प्रतिवाद सभा के माध्यम से एक ज्ञापन थाना प्रभारी, भिलाई नगर को महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया. सभा को भाकपा (माले) से बृजेन्द्र तिवारी, ऐक्टू से अशोक मिरी व श्यामलाल साहू, माकपा से डीवीएस रेड्डी, भाकपा से विनोद कुमार सोनी, सीटू से विजय जंघेल व शांत कुमार, सौरा यादव, जेपी नायर, आइसा से आदित्य कुमार आदि लोगों ने संबोधित किया। सभा मे एटक, एसएफआई, जनम, जमस, इंकलाबी नौजवान सभा आदि संगठनों के साथियों ने भी हिस्सा लिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि हम वामपंथी पार्टियों तथा जनवादी संगठनों के लोग आज प्रदर्शन के माध्यम से दिल्ली के कई पत्रकारों पर छापेमारी व हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हैं। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्रता व निष्पक्ष पत्रकारिता पर हमले लगातार जारी है .ऐसी छापेमारी करके पुलिस न केवल इन पत्रकारों को जन सरोकारों के पक्ष में न खड़ा करने के लिए धमकाने की कोशिश कर रही है बल्कि इनसे इतर भी जो पत्रकार जन सरोकारों से जुड़े हैं उन्हें भी भयक्रांत करने की कोशिश कर रही है। इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार देश में केवल अपना गुणगान करने वाला चारण मीडिया चाहता है जिसे लोकप्रिय तौर पर गोदी मीडिया कहा जा रहा है। केंद्र सरकार की इस कार्यवाई के बाद दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में देश की साख और रसातल में जाएगी। हम तत्काल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की इस कार्यवाही को तत्काल रोके जाने की मांग करते हैं। मीडिया का शिकार करने के बजाय मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। सभा में गाजा मे इजरायल द्वारा किए जा रहे जनसंहार पर रोक लगाने की मांग की गई. भारत को शांति स्थापना और राजनीतिक समाधान की दिशा में प्रयास करना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमास के आक्रमण और उसकी क्रूर प्रकृति की आलोचना की पर इजरायल इसे गाजा के लोगों को जनसंहार करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
