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भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ 75 पार (जीत) का नारा एक बार फिर दोहराया

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ 75 पार (जीत) का नारा एकबार फिर दोहराया है। दूसरी तरफ भाजपा ने 64 और उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए अब तक मैदान में 85 उम्मीदवार उतार दिए हैं। आचार संहिता लागू होने के साथ दोनों पक्षों के नेता और आक्रामक हो गए हैं। भाजपा का अउ नह सहिबो, बदल के रहिबो (अब और नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे) अभियान हर फोन काल के साथ मोबाइल उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के किसान और धान के मुकाबले भाजपा का भ्रष्टाचार का मुद्दा लोगों को किस हद तक प्रभावित कर सकेगा, 90 विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम भी उसी के अनुसार होगा।

मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी होने का दावा
कांग्रेस सरकार पिछले पांच वर्षों में किसानों, मजदूरों, गोठानों और बेरोजगारों के खाते में 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर प्रदेश के अन्य मुद्दों को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल होने का दावा करती रही है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के भी शहरी मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी होने का दावा किया जाता रहा है। इधर भाजपा प्रदेश में ढांचागत विकास रुक जाने, भ्रष्टाचार और सड़कों की खराब स्थिति के मुद्दे उछालती रही, परंतु जन भागीदारी प्राप्त करने में विफल रही। अब भाजपा ने भ्रष्टाचार को ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए मुख्य हथियार के रूप में प्रयोग करने का प्रयत्न किया है। यही कारण है कि पीएससी में परिवारवाद, आदिवासी क्षेत्रों में मतांतरण, कोयला परिवहन घोटाला, शराब घोटाला और महादेव एप के माध्यम से भ्रष्टाचार के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने में ध्यान केंद्रित किया है।

ओबीसी वर्ग को साधन की कोशिश
प्रदेश के चुनाव परिणाम में जातीय समीकरण का अंडर करंट भी काफी महत्वपूर्ण रहेगा। कांग्रेस सरकार ने अन्य पिछडा वर्ग (ओबीसी) के लिए 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा से पास कराकर प्रदेश के 42 प्रतिशत मतदाताओं वाले इस वर्ग को साधने की कोशिश की है। इसमें 11 प्रतिशत साहू और पांच प्रतिशत कुर्मी आबादी की भूमिका प्रमुख बताई जाती है। दूसरी तरफ भले ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव साहू समाज से हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक अपनी सभाओं में कांग्रेस पर समाज को जातीय आधार पर बांटने के तीखे हमले बोलते रहे हैं।

सत्ता वापसी के लिए भाजपा कर रही पुरजोर कोशिश
चार सांसदों, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, विजय बघेल और गोमती साव को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारकर संदेश देने की कोशिश की है कि सत्ता वापसी के लिए भाजपा पूरा जोर लगाने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुकाबले में उनके भतीजा एवं दुर्ग के सांसद विजय बघेल पहले ही पाटन विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित हैं। भाजपा ने 15 पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया है और सिर्फ एक वर्तमान विधायक का टिकट कटा है। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन ंिसह, पूर्व आईएएस ओपी चौधरी, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, छालीवुड के सुपर स्टार अनुज शर्मा, जूदेव परिवार से प्रबल प्रताप ंिसह जूदेव और संयोगिता जूदेव चुनाव मैदान में होंगे। लगातार पिछडने वाली 21 सीटों पर पहले ही भाजपा उम्मीदवार सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची आने के बाद ही मुकाबले की असली स्थिति के आकलन की दिशा तय हो सकेगी।

 

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