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तानाख़ार विधानसभा की तासीर ऐसी कि विधायक बनने के बाद पार्टी ही बदली..मोहित केरकेट्टा पर सबकी नजर टिकी..

✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा

कोरबा| कोरबा जिले के लिये पाली तानाख़ार विधानसभा सीट काफी महत्वपूर्ण इसलिए मानी जाती हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम चुनाव से लेकर अब तक यहां कांग्रेस का कब्जा हैं.छत्तीसगढ़ गठन से पहले भी चार चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना परचम लहराया।इस सीट की खासियत यह हैं कि जो यहां से विधायक बना उसने पार्टी बदल ली।इस आरक्षित सीट के मौजूदा कांग्रेस विधायक मोहित केरकेट्टा हैं. फिलहाल वे कांग्रेस में हैं.प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में होने हैं, और केरकेट्टा दूसरी बार टिकट के लिए संधर्ष कर रहे.टिकट से यदि वे वंचित हुए तो क्या वे कांग्रेस में रहेंगे या फिर किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ेंगे यह बात तो वहीं बता सकते हैं.क्योंकि
तानाखार की तासीर ऐसी कि विधायक बनने के बाद कई विधायक ने पार्टी ही बदली हैं.
            पहले भाजपा यहां से मजबूत थी लेकिन गिरावट ऐसे आई कि तीसरे नंबर पर खिसक गई। 1977 में भाजपा के स्व. विशाल सिंह विधायक बने थे। लेकिन ढाई साल बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 1980 में मनराखन सिंह को भाजपा ने मौका दिया। लेकिन चुनाव हारने के बाद वे भी कांग्रेस में चले गए। 1985 में भाजपा ने हीरासिंह मरकाम को मौका दिया। वे विधायक बनने के साढ़े चार साल बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बना ली। इसके बाद 1990 में स्व. अमोल सिंह सलाम भाजपा से विधायक बने। वे भी ढाई साल बाद कांग्रेस में चले गए थे। एक बार फिर 1993 में विशाल सिंह को भाजपा ने मौका दिया। इसके बाद भाजपा यहां संभल नहीं पाई। 41 साल बाद कांग्रेस विधायक रामदयाल उइके ने भाजपा में प्रवेश कर इतिहास को दोहराया है।
1957 से 2018 तक पाली ताना ख़ार सीट में अब तक कुल 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस सीट में सर्वाधिक 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की हैं. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने यहां से 2 बार चुनाव जीता हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी ने यहां से 1-1 चुनाव जीता हैं. वहीं साल 1972 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी लाल कीर्तिकुमार सिंह ने इस सीट से चुनाव जीता था. बता दे कि मध्यप्रदेश से अलग होकर जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. तब से लेकर अब तक कुल चार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा हैं. साल 2003,2008 और2013 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामदयाल उइके ने जीत दर्ज की.इसी तरह 2018 में कांग्रेस के मोहित केरकेट्टा ने चुनाव जीता.
पाली तानाख़ार सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के वर्चस्व को किसी भी कीमत पर नकारा नहीं जा सकता.गोंगपा यहां हर बार चुनाव में एक मजबूत टक्कर की पार्टी रही हैं. अब तक कुल हुए 14 विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड देखा जाए तो गोंगपा पिछले 6 चुनाव में न केवल मजबूती से चुनाव लड़ा बल्कि 1 बार विधानसभा चुनाव जीता और 5 बार दूसरी सबसे बडी पार्टी बनकर सामने आई.साल 1990 में भाजपा के पूर्व विधायक हीरा सिग मरकाम ने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा,वे चुनाव हार गए औऱ दूसरे नम्बर पर रहे.इसके बाद मरकाम ने 1991 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया. साल 1993 में गोंगपा से हीरासिंह मरकाम फिर चुनाव मैदान में उतरे और उन्हें मात्र 2836 वोट से हार का सामना करना पड़ा.साल 1998 में गोंगपा ने पहली बात जीत का परचम तानाख़ार में लहराया और हीरासिंह मरकाम ने 10289 वोट के अंतर से चुनाव जीता. इसके बाद हीरासिंह मरकाम कभी चुनाव नहीं जीत पाये.2003,2013 और 2018 में हुए चुनाव में गोंगपा के हीरासिंह ने जमकर टक्कर दी लेकिन उन्हें दूसरे स्थान पर ही संतुष्ट करना पड़ा.2018 के चुनाव में उन्हें 33 प्रतिशत वोट मिले थे.
बता दे कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पाली तानाख़ार सीट काफी पुरानी हैं. यहां पहला चुनाव साल 1957 में हुआ, तब यह सीट तानाख़ार विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी.इस चुनाव में कांग्रेस से यज्ञसेनी कुमारी और निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह मैदान में उतरे.पहले चुनाव में इस सीट में कुल 38,782 मतदाता थे जिसमें से कुल 9174 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.जब परिणाम सामने आया तो कांग्रेस की यज्ञसेनी कुमारी को 4006 वोट मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह को 2775 वोट मिले, इस प्रकार यह चुनाव कांग्रेस1231 वोट के अंतर से जीत गई.

पाली तानाखार विधानसभा में वोटर्स की संख्या:
इस बार के विधानसभा चुनाव में कल 205961 मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. महिला और पुरुषों की वोटर की संख्या में भी पाली तानाखार में ज्यादा अंतर नहीं है. महिला वोटर की संख्या 101146 है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 104805 है. ट्रांसजेंडर 10 है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 3659 ज्यादा है.

2018 के चुनाव में पाली तानाख़ार सीट से 8 प्रत्याशी मैदान में थे.कांग्रेस के मोहित केरकेट्टा ने 9656 वोट से यह चुनाव जीता था। मोहित केरकेट्टा (कांग्रेस)-66971,हीरासिंह मरकाम(जीजीपी)-57315, रामदयाल उइके(भाजपा)-32155,सुखनंदन सिह(आप)-3239,क्यूज़रिया कुजूर(निर्दलीय)-2954,तपेश्वर सिंह मरावी(बसपा)-2579,अलावान सिह(एपीआई)-2166 और लक्ष्मण सिंह(आरजीपी)-1053 वोट मिले थे।
पाली तानाख़ार विधानसभा के अब तक जो विधायक रहे उनकी सूची..
1-1957 यज्ञसेनी कुमारी कांग्रेस
2-1962 यज्ञसेनी कुमारी कांग्रेस
3-1967 एम लाल बीजेएस
4-1972 लाल कीर्तिकुमार निर्दलीय
5-1977 विशाल सिंह जेएनपी
6-1980 लाल कीर्तिकुमार कांगेस
7-1985 हीरासिंह मरकाम भाजपा
8-1990 अमोल सिंग सलाम भाजपा
9-1993 बोधराम कंवर कांग्रेस
10-1998 हीरासिंह मरकाम जिजीपी
11-2003 रामदयाल उइके कांग्रेस
12-2008 रामदयाल उइके कांग्रेस
13-2013 रामदयाल उइके कांग्रेस
14-2018 मोहित केरकेट्टा कांग्रेस

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