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कोरबा में गरीबों के पट्टे पर कांग्रेस-भाजपा की लगी नजर..कोरबा में 15 हजार पट्टे बटेंगे..शर्ते कठिन इससे भी लोगों में निराशा

( नरेन्द्र मेहता )
कोरबा| सामने विधानसभा चुनाव 2023 है और ऐसे में वोट हासिल करने की राजनीति कोरबा में कांग्रेस और भाजपा में शुरू हो गई हैं और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी हैं।शासन की पट्टा पालिसी का भाजपा नेता स्वागत करते हुए यह कहते हैं कि पट्टा सभी झुग्गी झोपड़ी वासियों को मिलना चाहिए जबकि ऐसा नहीं हो रहा हैं।कांग्रेस नेताओं का कहना हैं कि सरकार आवासहीन व्यक्तियों को मकान बनाने के लिए पट्टा दे रही हैं तो भाजपा नेताओं के पेट मे दर्द क्यो हो रहा हैं।पट्टा प्राथमिकता के आधार पर हर जरूरत मंद को दिया जायेगा, कहीं पर कोई भेदभाव नहीं . इसलिए कम से कम गरीबों के कल्याण वाली योजनाओं पर भाजपा राजनीति न करे।
                             बता दे कि छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के अंतर्गत 15 दिवस में लगभग 15 हजार पट्टे दिए जाएंगे। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर सौरभ कुमार ने बैठक में निर्देशित किया कि अगले सप्ताह 27-28 सितम्बर से शहरी क्षेत्रों में पट्टा वितरण प्रारंभ किया जाए।
आज इसी बात को लेकर कोरबा विधानसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश स्तरीय आंदोलन कर सरकार से मांग की गई थी झुग्गी झोपड़ी में निवास करने वालों को निशुल्क पट्टा दिया जाए।भाजपा के आंदोलन के बाद भूपेश सरकार की आंख खुली और चुनाव में लाभ उठाने की दृष्टि से आनन फानन में बगैर किसी तैयारी के पट्टा वितरण की धोषणा कर दी।हमारा मुद्दा यह हैं कि सरकार आधे अधूरे लोगो को ही क्यों पट्टा दे रही हैं,हमारी मांग हैं कि सभी झुग्गी झोपड़ी वासी पट्टा मिले जो जहां वर्षों से निवासरत हैं.यह मांग हमारी सरकार से है यदि उसे नहीं मानी गई तो भाजपा इस मुद्दे को लेकर विशाल आंदोलन करेगी।पत्रकार वार्ता में लखन देवांगन के साथ भाजपा नेता जोगेश लाम्बा, गोपाल मोदी,नवीन पटेल,देवेन्द्र पांडे,हितानंद अग्रवाल, तुलसी राठौर उपस्थित थे।जोगेश लाम्बा ने कहा यहां पट्टा जिनको दिए जाने की बात हो रही हैं ।राजस्व मंत्री से हमारी मांग हैं कि बी वन खसरा नम्बर के साथ साथ चौहद्दी प्रमाणीकरण वाला ही पट्टा दिया जाए.यदि ऐसा नहीं होता हैं तो इस पट्टे का हश्र भी जोगी पट्टे की तरह ही होगा।
                          बता दे छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कब्जे जमीन में रहने वालों को अब भूमि का निशुल्क पट्टा दिया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर 20 अगस्त 2017 से लगातार काबिज आवासहीन व्यक्तियों को शासकीय भूमि का निशुल्क पट्टा दिया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में 600 वर्ग फीट और नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में 800 वर्ग फीट दिया जाएगा। सभी प्रयोजनों के लिए इन्हें रियायती पट्टा माना जाएगा। । राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में आवासहीन व्यक्तियों के लिए पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 की अधिसूचना का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में कर दिया गया हैं।

आवासहीन व्यक्ति का रजिस्ट्रीकरण
प्राधिकृत अधिकारी की ओर से प्रत्येक क्षेत्र में प्रत्येक भू-खंड का सर्वे कराया जाएगा। ऐसे प्रत्येक आवासहीन व्यक्ति का मामला पंजीकृत किया जाएगा। इसके पक्ष में भूमि का, पट्टाधृति अधिकारों के अंतर्गत व्यवस्थापित करने के विषय में विनिश्चय किया जाना है।

भूमि कब्जे के संबंध में सत्यापन
भूमि के कब्जे के संबंध में सत्यापन के लिए आधार दस्तावेज 20 अगस्त 2017 के पूर्व जारी दस्तावेज होंगे। इनमें निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची, विद्युत बिल, टेलीफोन बिल, स्थानीय निकाय का संपत्तिकर या समेकित कर पंजी, जलकर भुगतान दस्तावेज, भवन या दुकान अनुज्ञा, अधिनियम के अधीन प्रदत्त पट्टाधृति पट्टे व आधार या ड्रईविंग लाइसेंस शामिल हैं।

अतिरिक्त भूमि का व्यवस्थापन
कब्जे की अतिरिक्त भूमि के नियमितीकरण प्रकरणों के संबंध में आवेदन की प्राप्ति पर संयुक्त दल ने प्रत्येक प्रकरण में स्थल का निरीक्षण किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त दल के संतुष्ट होने पर कब्जे की अतिरिक्त भूमि संहिता के अंतर्गत व्यवस्थापन के लिए योग्य है। प्राधिकृत अधिकारी की ओर से संहिता के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। निर्धारित सीमा से अधिक भूमि होने पर अतिरिक्त भूमि के व्यवस्थापन नहीं कराए जाने की दशा में व्यवस्थापन नहीं कराए जाने की दशा में अतिरिक्त भूमि का कब्जा छोड़े या हटाए जाने के बाद ही कब्जाधारी को पट्टे की पात्रता होगी, अन्यथा वह अपात्र माना जाएगा।

पट्टा हस्तांतरण नियमितीकरण
अधिनियम के अंतर्गत अवैध, अनियमित पट्टा या कब्जा हस्तांतरण के नियमितीकरण के प्रकरणों के संबंध में इस प्रयोजन के लिए आवेदन या शिकायत की प्राप्ति पर या स्वप्रेरणा से कार्रवाई करते हुए प्राधिकृत अधिकारी संयुक्त दल को सूचित करेगा, जो स्थल निरीक्षण करेंगे, यदि हस्तांतरण किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में किया गया था, जो आवासहीन नहीं है या अन्यथा अधिनियम के तहत हितग्राही बनने की पात्रता नहीं रखता है तो पट्टे के हस्तांतरण को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके संबंधित भूमि को कब्जा मुक्त किया जाएगा।

पट्टा भूमि का उपयोग
पट्टा भूमि आवासीय प्रयोजन में उपयोग की जाएगी। यदि पट्टाधारी की ओर से पट्टा भूमि का उपयोग गैर-आवासीय प्रयोजन के लिए किया जाता है, तो पट्टा निरस्त किया जा सकेगा। हालांकि इसके पहले सुनवाई का अवसर दिया।

स्थायी पट्टा 30 साल के लिए होगा
स्थायी पट्टा 30 वर्ष की कालावधि के लिए जारी किया जाएगा। यदि प्राधिकृत अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि लोकहित में कब्जाधारियों का अन्यत्र व्यवस्थापन आवश्यक है, तो ऐसे गृहस्थल के अधिभोगियों को उनके अधिभोग के गृहस्थल के लिए अस्थायी पट्टे जारी किए जाएंगे।

कब्जा हटाया जाना
कब्जे की भूमि को लोकहित में खाली कराए जाने की आवश्यता होने पर कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न अधिकारी की ओर से लेखबद्ध कारणों सहित लिखित आदेश से पात्र व्यक्तियों का अन्यत्र व्यवस्थापन किया जा सकेगा।

भूमि के पट्टे का नवीनीकरण

पट्टाधारी की ओर से नियमों पट्टे की शर्ताें का उल्लंघन नहीं करने पर नगरीय निकाय की समस्त देनदारियों का सम्यक, भुगतान करने पर, संबंधित भूमि के पट्टे का नवीनीकरण किया जा सकेगा। स्थायी पट्टे की अवधि का नवीनीकरण 30 वर्षा की अवधि के लिए किया जाएगा। पट्टे का नवीनीकरण करते समय ऐसी अन्य शर्तें भविष्य में जोड़ी सकेंगी, जैसा कि शासन उचित समझे।

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